Title
श्रीमद्भगवद्गीता:जीवन-पथ प्रदीपिका - 4
Author
डा० वेद प्रकाश सक्सेना
Publisher
डा० वेद प्रकाश सक्सेना
Publication Year
2019
ISBN
Number of Pages
19
Price
Rs 99/-
Description
इस अध्याय में लेखक ने कर्मयोग और ज्ञानयोग के महत्व को समझाया है।
कर्मयोग की परिभाषा: कर्मयोग का अर्थ है बिना फल की इच्छा के कार्य करना, जो आत्मा की शुद्धि के लिए आवश्यक है।
ज्ञानयोग की परिभाषा: ज्ञानयोग का अर्थ है भौतिक वस्तुओं से संबंधित ज्ञान प्राप्त करना और उसे आत्मा की उन्नति के लिए उपयोग करना।
कर्म और ज्ञान का समन्वय: लेखक ने कर्म और ज्ञान के समन्वय को वास्तविक योग बताया है, जो व्यक्ति को मोक्ष की ओर ले जाता है।
Category
Books

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